tag:blogger.com,1999:blog-2126047305521961019.post6939262092767380727..comments2021-09-04T10:37:22.065+05:30Comments on बतकही-रेडियोसखी ममता की। : डायरी के कुछ पन्ने--'मां के जाने के बाद' ।radiosakhihttp://www.blogger.com/profile/04343669733306215632noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-2126047305521961019.post-78832684517562064662012-07-26T12:24:23.406+05:302012-07-26T12:24:23.406+05:30maa........maa........Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09922409720839948550noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2126047305521961019.post-5028121687885934762009-12-05T17:20:37.877+05:302009-12-05T17:20:37.877+05:30Bahna man bahut dravit ho utha tumhari in posts se...Bahna man bahut dravit ho utha tumhari in posts se. telephone par to baat ho hi chuki hai, lekin post padkar tumhe aur mataji ko achchhe se jaan paya. maa hamesha amulya hoti hai. mataji ko vinamra shraddhanjali. aage kahane ke liye shabd nahi hai. tumhare dukh ko mahsoos kar raha hu.Suneel R. Karmelehttps://www.blogger.com/profile/03638450569979915656noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2126047305521961019.post-30827757487881485722009-12-02T16:00:41.981+05:302009-12-02T16:00:41.981+05:30शायद सभी रोये होंगे, हिचकियाँ ले कर मेरी तरह...!
...शायद सभी रोये होंगे, हिचकियाँ ले कर मेरी तरह...!<br /><br />माँ एक ऐसा शब्द जो एक अक्षर में मन को भिगो जाता है...!<br /><br />हर बार अपनी माँ सामने खड़ी दिखी...! मैने जब अपनी माँ के विषय मे एक पोस्त लगाई थी तो किसी ने लिखा था कि दुनिया की सारी माँएं एक सी होती है...! यही बात आपकी पोस्ट पढ़ कर मेरे मन में भी आ रही है....!<br /><br />अभी एक दिन एक खअलिस माँ बोल रही थीं...! "सिर्फ पैदा करते समय दर्द सहना पड़े तो कोई दर्द ही नही है। संतान को पैदा करने के बाद तो जिंदगी भर दर्द सहना होता है।" उन बिना पढ़ी लिखी महिला के मुँह से सुनकर लगा कि कितना बड़ा सच है ये....!<br /><br />मैने हर माँ को हमेशा रोते ही देखा है...! बच्चे खुश हैं तो खुशी के आँसू..! दुखी हैं तो उनसे ज्यादा माँ को दुःख...! ये जानमे कैसा रिश्ता है, जो अथाह भावनाओं का समूह है...!!<br /><br />आपकी प्रशंसा को शब्द देकर आपकी भावनाओं का मूल्य नही कम मरना चाहती...!<br /><br />माँ जहाँ रहेंगी.उनका आशीष मिलता ही रहेगा ....कंचन सिंह चौहानhttps://www.blogger.com/profile/12391291933380719702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2126047305521961019.post-45420850231013471942009-11-30T13:54:27.658+05:302009-11-30T13:54:27.658+05:30माँ का जाना कभी नहीं भुला जा सकता है .मन को छु गया...माँ का जाना कभी नहीं भुला जा सकता है .मन को छु गया आपका लिखारंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2126047305521961019.post-58420907692014227302009-11-30T13:16:55.047+05:302009-11-30T13:16:55.047+05:30आपके लिखने में एक ईमानदारी है ..जो मन को कही भीतर ...आपके लिखने में एक ईमानदारी है ..जो मन को कही भीतर तक भिगो देती है .बाकी सब हम <a href="http://chitthacharcha.blogspot.com/2009/11/blog-post_26.html" rel="nofollow">यहां</a> कह चुके है .....बिना आपकी इज़ाज़त केडॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2126047305521961019.post-64012255108156754882009-11-30T08:27:30.977+05:302009-11-30T08:27:30.977+05:30ममता जी, दो बार कोशिश की, लेकिन आपकी पोस्ट पूरी नह...ममता जी, दो बार कोशिश की, लेकिन आपकी पोस्ट पूरी नहीं पढ पाया. हर बार कुछ पंक्तियां पढने के बाद आंखें नम होकर पढने से इंकार कर देती हैं.<br />पूज्य माताजी को श्रद्धांजलि.डॉ दुर्गाप्रसाद अग्रवालhttps://www.blogger.com/profile/04367258649357240171noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2126047305521961019.post-71687603777517540562009-11-29T21:15:44.380+05:302009-11-29T21:15:44.380+05:30आँखें नम हो गयीं...कुछ भी कहना मुश्किल लग रहा है.....आँखें नम हो गयीं...कुछ भी कहना मुश्किल लग रहा है...बस यादें रह जाती हैं,लोगों के जाने के बाद...उन्हीं के सहारे जीना पड़ता है...आपके दिल से निकली बात सबके दिलों तक गयी...शत शत नमन माँ को..विनम्र स्रधांजलिrashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2126047305521961019.post-74112920975422586012009-11-29T20:06:24.868+05:302009-11-29T20:06:24.868+05:30जीवन्त वर्णण,और मर्मसप्रशी भी,बस यादें ही रह जाती ...जीवन्त वर्णण,और मर्मसप्रशी भी,बस यादें ही रह जाती हैं,मुझे भी अपने पिता जी के देहावसन के बाद अक्सर एसा लगता है,वोह यहीं,कहीं हैं ।Vinashaay sharmahttps://www.blogger.com/profile/14896278759769158828noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2126047305521961019.post-69296023822554066302009-11-29T19:05:39.253+05:302009-11-29T19:05:39.253+05:30शायद 'जादू' का ही इंतज़ार था उन्हें
भावुक...शायद 'जादू' का ही इंतज़ार था उन्हें<br /><br />भावुक कर देने वाली एक और पोस्ट<br /><br /><a href="http://www.google.com/profiles/bspabla" rel="nofollow"> बी एस पाबला</a>Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2126047305521961019.post-64698281981125423782009-11-29T18:18:58.723+05:302009-11-29T18:18:58.723+05:30ओह!ओह!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2126047305521961019.post-57498122687928677652009-11-29T16:57:28.657+05:302009-11-29T16:57:28.657+05:30ममता जी
माँ ...........और क्या कहें, इसके सिवा कहन...ममता जी<br />माँ ...........और क्या कहें, इसके सिवा कहने को कुछ बचता ही नहीं है.<br />बहुत ही सुन्दर!<br />रत्नेश त्रिपाठीaaryahttps://www.blogger.com/profile/08420022724928147307noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2126047305521961019.post-84418728319045335132009-11-29T16:05:14.717+05:302009-11-29T16:05:14.717+05:30मैं अधिक तन्मयता से नहीं पढ़ पाया। सरसरी तौर पर पढ...मैं अधिक तन्मयता से नहीं पढ़ पाया। सरसरी तौर पर पढ़ कर छोड़ दिया। ज्यादा डूबता तो शायद रो पड़ता।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2126047305521961019.post-5089030553862143792009-11-29T15:39:03.284+05:302009-11-29T15:39:03.284+05:30तीनों कडियों को आज ही पढा .. बहुत भावुक कर दिया आप...तीनों कडियों को आज ही पढा .. बहुत भावुक कर दिया आपने .. लगा कि मेरी मां की ही बातें लिख रही हैं आप .. मेरी मां भी अक्सर बीमार रहती है .. बी पी इतना बढ जाता है कि कई बार मौत के मुहं से निकल आयी हैं .. आपकी रचनाएं पढते पढते उनसे एक बार फिर से मिलने की मेरी इच्छा बलवती हो गयी है !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.com