बतकही-रेडियोसखी ममता की।
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घर की बतकही
Sunday, December 23, 2007
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'मोहे पिछवरवा चंदन गाछ' और गांव की विकल याद--बतकही की पहली पोस्ट
एक दिन मैंने अपने पति महोदय से मीठी-सी शिकायत कर दी, ब्लॉग पर सबके लिए जाने कहां-कहां से ढूंढ-ढांढकर दुर्लभ गीत और भजन वग़ैरह-वग़ैरह पेश कर...
वो जमुना का पानी, वो इलाहाबाद की यादें ।
बात उस समय की है, जब मैं अपने मायके इलाहाबाद पहली बार अपने पतिदेव को लेकर गई । यूं तो इलाहाबाद का चप्पा-चप्पा मेरा घूमा हुआ है, बल्कि यूं ...
जूथिका राय के बहाने गुलाबी-नगर का सुनहरा सफ़र: दूसरा भाग।
अपनी पिछली पोस्ट में मैंने जयपुर-यात्रा का ब्यौरा दिया था। इसके बाद पंद्रह-बीस दिन बीत गए और जयपुर की यादों का अगला सिलसिला लिख ना सकी। ...
पत्थरों के शहर में एक मासूम-सी ख़्वाहिश
रविवार की शाम घर पर रहें तो बहुत उबाऊ और उदास-सा लगता है । रविवार की शाम घर से बाहर जायें तो ट्रैफिक और भीड़भाड़ तंग करती है । सारा मुंबई शह...
कहानी- जनरल टिकट
ये कहानी 'हंस' के जून 2017 अंक में प्रकाशित हुई है। आज अचानक ठंड बढ़ गयी है। गुनगुनी , नरम धूप बदन को सहला रही है। दिव्या ...
साठ बरस का सुरीला सफर
आज विविध भारती के साठ वर्ष पूरे हुए। पूरे विविध भारती परिवार को असंख्य शुभकामनाएं। क्या कहूं..... लिखने बैठी तो शब्द हवाओं में गूंज रहे...
आज बोधिसत्व और आभा की 'भानी' का जन्मदिन है
आज 'भानी' का जन्मदिन है । आप सोच रहे होंगे कि ये 'भानी' कौन है । दरअसल भानी हमारे मित्रों बोधिसत्व और आभा की प्यारी सी ...
डायरी 16 जून, जादू के स्कूल का आग़ाज़
सोलह जून को जादू पहली बार स्कूल गया। अचानक ऐसा लगने लगा है कि जादू अचानक बड़ा हो गया। अब मां की उंगली छोड़कर चलना उसे अच्छा लगन...
हम तलछट में बसर करते हैं
उसने कहा-"हम तलछट में बसर करते हैं" .. वह बन गया समंदर की सबसे ऊंची लहर..... मैंने कहा "तुम हिमालय की चोटी हो" बहती ह...
ठंडा मतलब..............
बारिश का एक छींटा पड़ा नहीं कि पूरा मीडिया उसकी ‘ ब्रेकिंग न्यूज़ ’ देने लगता है। सोशल नेटवर्किंग पर भी होड़-सी लग जाती है। गरमी आती है ...
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