'मोहे पिछवरवा चंदन गाछ' और गांव की विकल याद--बतकही की पहली पोस्ट

एक दिन मैंने अपने पति महोदय से मीठी-सी शिकायत कर दी, ब्लॉग पर सबके लिए जाने कहां-कहां से ढूंढ-ढांढकर दुर्लभ गीत और भजन वग़ैरह-वग़ैरह पेश करते रहते हो, लेकिन मेरे लिए कुछ लोक-रचनाएं और कृष्ण भजन संकलित नहीं कर सकते । कहकर मैं तो भूल गई ।
कई दिन बीते, अचानक एक दिन पति...