Sunday, August 31, 2008

'मोहे पिछवरवा चंदन गाछ' और गांव की विकल याद--बतकही की पहली पोस्‍ट


एक दिन मैंने अपने पति महोदय से मीठी-सी शिकायत कर दी, ब्‍लॉग पर सबके लिए जाने कहां-कहां से ढूंढ-ढांढकर दुर्लभ गीत और भजन वग़ैरह-वग़ैरह पेश करते रहते हो, लेकिन मेरे लिए कुछ लोक-रचनाएं और कृष्‍ण भजन संकलित नहीं कर सकते । कहकर मैं तो भूल गई । कई दिन बीते, अचानक एक दिन पति...

Tuesday, August 26, 2008

हैलो हैलो टेस्टिंग टेस्टिंग


मैं हूं आपकी रेडियो-सखी ममता सिंह ।और जल्‍द आ रही हूं अपना चिट्ठा -'बतकही' लेकर ।ये एक टेस्टिंग पोस्‍ट है ।तो आते रहिएगा 'ब‍तकही' के लिए...