जूथिका राय के बहाने गुलाबी-नगर का सुनहरा सफ़र: दूसरा भाग।
अपनी पिछली पोस्ट में मैंने जयपुर-यात्रा का ब्यौरा दिया था। इसके बाद पंद्रह-बीस दिन बीत गए और जयपुर की यादों का अगला सिलसिला लिख ना सकी। सुबह पत्रकार-वार्ता और जूथिका जी से 'सुर-यात्रा' की अनौपचारिक मुलाक़ात संपन्न हुई। और हम होटेल वापस आ गए। मुंबई से निकलने...