Saturday, November 28, 2015

नैहर और ससुराल की स्‍मृतियां


ओ मायानगरी मुंबई, तुमने बहुत कुछ दिया है। पूरी जिंदगी दे दी है तुमने। शुक्रगुज़ार हैं तुम्‍हारे। लेकिन फिर भी ना जाने क्‍या है बचपन वाले उस शहर में कि बार बार अपनी तरफ खींचता है वो शहर। गंगा मैया में प्रदूषण लाख घुल-मिल गया हो, लेकिन उसने अपनी पवित्रता आज भी...